Shodashi Secrets
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The Mahavidyas certainly are a profound expression from the divine feminine, Each and every symbolizing a cosmic functionality and a route to spiritual enlightenment.
अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।
सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां
Shodashi is deeply linked to the path of Tantra, in which she guides practitioners towards self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she is celebrated because the embodiment of Sri Vidya, the sacred information that brings about enlightenment.
After eleven rosaries on the main day of beginning While using the Mantra, you could convey down the chanting to one rosary per day and chant eleven rosaries about the eleventh day, on the last working day of the chanting.
शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः
यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता
The noose symbolizes attachments, whereas the goad signifies contempt, the sugarcane bow shows dreams, and also the flowery arrows characterize the five feeling organs.
The Goddess's victories are celebrated as symbols of the last word triumph of excellent in excess of evil, reinforcing the ethical material with the universe.
पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् read more ॥५॥